EV Car Le Ya Petrol Car 2025 Me Kya Best Hoga : 2025 में EV कार लेना फायदेमंद रहेगा या पेट्रोल कार? यह सवाल आजकल हर किसी के दिमाग में आता है | लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं, इसके बारे में जानने के बाद आप पेट्रोल कार या इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल EV कार के बारे में डिसीजन ले पाएंगे | पेट्रोल कार ₹400000 से लेकर 10 लाख के बीच में मनचाहा पसंद की आ सकती है | लेकिन EV कार के लिए 5 लाख से लेकर 15 लाख के बीच में लॉन्ग रेंज के लिए कार मिल सकती है |
अगर अभी भी आप EV Car Le Ya Petrol Car 2025 Me Kya Best Hoga के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपके लिए कुछ आवश्यक जानकारी पेट्रोल कार और इलेक्ट्रिक व्हीकल कार के बारे में नीचे बताई जा रही है | इसे जानकर आप आसानी से अपनी जरूरत के लिए कार लेने का डिसीजन ले सकते हैं |
चलाने का खर्च किसमें कम है EV या पेट्रोल कार?
2025 में कार चलाने का खर्च EV कार के लिए औसतन ₹1–1.5 प्रति किलोमीटर खर्च आता है | और पेट्रोल की कार की खर्च प्रति किलोमीटर के लिए ₹6–₹10 प्रति किलोमीटर तक जा सकता है। शहरी और गांव में थोड़ा ऊपर निचे हो सकता है।
मेंटेनेंस में किसका खर्चा कम आता है?
EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल) पेट्रोल कारों के मुकाबले बहुत ज्यादा सस्ती और कम झंझट वाली होती है। और EV में इंजन नहीं होता, जिससे आपको इंजन ऑयल, क्लच, गियरबॉक्स या एग्जॉस्ट सिस्टम जैसी चीज़ों की सर्विसिंग की जरूरत नहीं पड़ती।
EV कारों की सर्विसिंग में सिर्फ बैटरी की हेल्थ चेक, ब्रेक पैड्स और टायर चेकअप शामिल होता है, जो कि बहुत कम खर्चीला होता है।
वही, पेट्रोल कारों में हर कुछ हज़ार किलोमीटर पर इंजन ऑयल बदलवाना, एयर फिल्टर, स्पार्क प्लग्स, और अन्य पुर्जों की मरम्मत करानी पड़ती है| जिससे मेंटेनेंस का खर्च बढ़ जाता है।
EV कारों का मेंटेनेंस खर्च पेट्रोल कारों के मुकाबले 70% तक कम हो सकता है। अगर गाड़ी को सही वोल्टेज के साथ चार्ज किया जाए और सही मेंटेनेंस के साथ रखा जाए तो |
चार्जिंग vs फ्यूलिंग, कौन है ज्यादा सुविधाजनक?
पेट्रोल कारों को फ्यूल भरबाना बहुत ही आसान और तेज़ है। भारत में लगभग हर जगह पेट्रोल पंप उपलब्ध हैं, और टैंक भरवाने में 5 मिनट से भी कम समय लगता है। यह सुविधा लंबे समय से लोगों के लिए बनी हुई है और लोगो को आसानी से इस पर विश्वाश भी बना हुआ है।
वहीं EV कारों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन की ज़रूरत होती है, जो 2025 तक भले बढ़ रहे हों, लेकिन अभी भी हर जगह आसानी से उपलब्ध नहीं होती हैं | खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में। साथ ही, EV को फुल चार्ज होने में तेज़ चार्जर से भी 30 मिनट से 1 घंटा तक का समय लग सकता है, और नॉर्मल चार्जर से तो 6–8 घंटे तक का समय लगता ही है। अभी EVs Car का टेक्नोलॉजी प्रतिदिन अपग्रेड हो रहा है। ।
अगर आपके पास घर में चार्जिंग की सुविधा है, तो रात भर कार चार्ज करना आसान और सस्ता हो सकता है| लेकिन ये सुविधा हर किसी के पास नहीं होती।
- फ्यूलिंग (पेट्रोल कार) अभी भी ज्यादा सुविधाजनक है, लोगो को कही भी आसानी से उपयोग के लिए।
- चार्जिंग (EV) घर पर आरामदायक हो सकती है, लेकिन पब्लिक चार्जिंग अभी भी एक चैलेंज है।
लंबी दूरी की यात्रा के लिए कौन सी कार बेहतर है?
लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए आज भी लोगों के द्वारा पेट्रोल कार सबसे ज्यादा उपयोगी माना जाता है |
EV कारों की रेंज अभी 250 से 500 किलोमीटर तक होती है, जो कि शहर के लिए तो ठीक है, लेकिन लंबी दूरी के लिए यह रेंज चिंता का कारण बन सकती है | अगर आपको 1000 किलोमीटर या 2000 किलोमीटर की लंबी दूरी जानी है किसी दूसरे स्टेट में, तो चार्जिंग करना आपके लिए बहुत ही ज्यादा रास्ते में दिक्कत होगी | हो सकता है आपको चार्जिंग का सेटअप ना मिले | और आप अच्छे से एक दिन की दूरी को तीन दिन में कर पाएंगे |
- पेट्रोल कारें अभी भी लंबी दूरी की यात्रा के लिए ज़्यादा सुविधाजनक और भरोसेमंद हैं उपयोग के लिए।
- EV कारें धीरे-धीरे बेहतर हो रही हैं, लेकिन अभी पूरी तरह से पेट्रोल को रिप्लेस नहीं कर सकीं। और सबसे ज्यादा प्रॉब्लम रास्ते में चार्जिंग की प्रॉब्लम होगी, लंबी दूरी के लिए |
EV और पेट्रोल कार में कौन है ज्यादा पर्यावरण के अनुकूल?
EV कारें (इलेक्ट्रिक व्हीकल) सीधे तौर पर किसी भी तरह का धुआं या प्रदूषण नहीं छोड़तीं हैं | वहीं, पेट्रोल कारें इंजन चलने के दौरान लगातार धुआं छोड़ती हैं जो वायु प्रदूषण बढ़ाता है |
अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल को सोलर प्लेट के माध्यम से चार्ज किया जाए अच्छे फास्ट चार्जर के साथ| तो पूरी तरह से इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉल्यूशन मुक्त हो जाएगी | अगर इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने के लिए किसी कोयला घर या बिजली कारखाने बनाने वाले से बिजली का उपयोग किया जाता है | तो इलेक्ट्रिक व्हीकल आपको चार्ज करने के लिए पावर बिजली के लिए दिक्कत है |
2025 में किसकी रीसेल वैल्यू ज्यादा होगी?
पेट्रोल कारों की रीसेल वैल्यू अभी भी भारतीय बाजार में मजबूत है, क्योंकि लोग इन कारों को लंबे समय से चला रहे हैं और इनकी सर्विसिंग और रिपेयरिंग हर जगह आसानी से उपलब्ध है।
EV कारों की रीसेल वैल्यू फिलहाल थोड़ी कम है क्योंकि EV की बैटरी लाइफ (6–8 साल) तक लिमिटेड होती है | उसके बाद दूसरा बैटरी पैक को चेंज करना होता है | इसीलिए रीसेल वैल्यू कम है |
शहर की ड्राइविंग के लिए कौन सी कार सही है?
अगर आपका काम सिर्फ शहर के आसपास ही हर रोज होता है, तो आपके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल की गाड़ियां बहुत ही ज्यादा फायदेमंद हो सकती है |
अगर आपके पास कोई भी इलेक्ट्रिक व्हीकल है जिसकी रेंज 200 किलोमीटर भी है, तो आपको हर रोज हर महीने हजारों रुपए की पूरी बचत हो जाएगी |
EV चार्जिंग स्टेशन कितने उपलब्ध हैं 2025 में?
भारत में लगभग 26,367 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित हो चुके हैं, जो कि 2024 के अंत में दर्ज 25,202 स्टेशनों से एक महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
- कर्नाटक: 5,879 स्टेशन
- महाराष्ट्र: 3,842 स्टेशन
- उत्तर प्रदेश: 2,113 स्टेशन
- दिल्ली: 1,951 स्टेशन
- तमिलनाडु: 1,495 स्टेशन
इसके अलावा देश के विभिन्न राज्यों में बड़े-बड़े शहरों में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन फास्ट तरीके से बनाया जा रहा है | इसकी मदद के लिए टाटा कंपनी के द्वारा हर जगह पर मदद दी जा रही है |
पेट्रोल कार का भविष्य क्या है भारत में?
आने वाले समय में पेट्रोल कर की जगह इलेक्ट्रिक व्हीकल की गाड़ियां ज्यादा रोड पर हो जाएगी | क्योंकि इसके लिए प्राइवेट कंपनियां उनके द्वारा भी अलग-अलग मौका पर गाड़ी खरीदने के लिए EVs Car पर सब्सिडी दी जा रही है |
और आने वाले दिनों में बढ़ते हुए पेट्रोल डीजल के दाम भी लोगों के लिए मुसीबत का कारण बढ़ रही है |
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